Image Source : Chanakya Niti-चाणक्य नीति आचार्य चाणक्य ने सुखमय जीवन के लिए कुछ नीतियां और अनुमोल विचार व्यक्त किए हैं। इन विचारों और नीतियों को जि

आचार्य चाणक्य ने सुखमय जीवन के लिए कुछ नीतियां और अनुमोल विचार व्यक्त किए हैं। इन विचारों और नीतियों को जिसने भी जिंदगी में उतारा वो आनंदमय जीवन जी रहा है। अगर आप भी खुशहाल जीवन की डोर से बंधना चाहते हैं तो इन विचारों को जीवन में जरूर उतारिए। आचार्य चाणक्य के इन विचारों में से एक विचार का आज हम विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार इंद्रियों पर विजय पाने पर आधारित है।
“इन्द्रियों पर विजय का आधार विनम्रता है।” आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य ने अपने इस विचार में इंद्रियों पर विजय के आधार का जिक्र किया है। चाणक्य का कहना है कि अगर कोई भी व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर विजय पाना चाहता है तो उसे विनम्रता का मार्ग ही चुनना चाहिए। ऐसा करने से वो अपनी इंद्रियों पर आसानी से विजय पा सकता है।
उदाहरण के तौर पर जिस व्यक्ति ने विनम्रता के मार्ग को समझकर विनम्र रहना सीख लिया। साथ ही अपने आचार और विचार में विनम्रता का प्रयोग करना शुरू कर दिया तो उस व्यक्ति को अपनी इंद्रियों पर विजय प्राप्त हो जाती है। ऐसा व्यक्ति विनम्रता से किसी के भी दिल को आसानी से जीत सकता है। इसलिए मनुष्य को चाहिए कि जो भी कुछ बोले उसमें विनम्रता झलकनी चाहिए। विनम्रता मनुष्य का ऐसा गहना है जो उसे सर्वश्रेष्ठ बना सकता है। इसलिए अगर आप किसी के प्रति भी कटु वचनों का इस्तेमाल करते हैं तो उससे तुरंत ही किनारा कर लें।
ऐसा व्यक्ति किसे के मन में सम्मान हासिल नहीं कर सकता है। अगर आपको सभी के दिलों में अपने प्रति सम्मान का भाव बनाए रखना है तो स्वभाव में विनम्रता कूट कूट कर भरी होनी चाहिए। ऐसा करके ही आप खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं। इसलिए आचार्य चाणक्य ने कहा है कि इंद्रियों पर विजय का एकमात्र रास्ता विनम्रता ही है।
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