शेपाओ माउंटेन टॉप्स की दो दिन पहले की तस्वीर काला टोप और हेलमेट टोप पर कब्जे के बाद से भारतीय सेना काफी अलर्ट पर थी, जबकि चीनी सेना बार बार इन दो

काला टोप और हेलमेट टोप पर कब्जे के बाद से भारतीय सेना काफी अलर्ट पर थी, जबकि चीनी सेना बार बार इन दोनों चोटियों की तरफ बढने की कोशिश कर रही थी. गोली चलने की घटना भी इसी कोशिश का नतीजा थी. घटना बहुंत बड़ी है और चीन की हिमाकत भी, क्योंकि एलएसी पर 1975 के बाद से पहली बार गोली चली है.
यहां तक कि पिछली बार गलवान घाटी में झड़प की सबसे बडी घटना हुई थी, उसमें भी गोली नहीं चली थी. हालांकि आपको बता दें कि 31 अगस्त को भी चीनी सैनिकों ने साउथ पेंगोंग में ऊंची चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश की थी. तब भी भारतीय सैनिकों ने फायर करके उनको चेताया था. इस तरह ये फायरिंग आक्रमण के लिए नहीं बल्कि चेतावनी देने के लिए की गई थी, लेकिन अब चीन ने पहली बार गोली चलाई है.
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