जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के श्रृंगार में इस बात का ध्यान रखें कि वस्त्र से लेकर गहनों तक कुछ भी काला नहीं होना चाहिए. काले रंग का प्रयोग बिल्कुल न कर
जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के श्रृंगार में इस बात का ध्यान रखें कि वस्त्र से लेकर गहनों तक कुछ भी काला नहीं होना चाहिए. काले रंग का प्रयोग बिल्कुल न करें.

कैसे होगा श्रीकृष्ण का श्रृंगार?
श्री कृष्ण के श्रृंगार में फूलों का खूब प्रयोग करें. पीले रंग के वस्त्र, गोपी चन्दन और चन्दन की सुगंध से इनका श्रृंगार करें. श्री कृष्ण के श्रृंगार में इस बात का ध्यान रखें कि वस्त्र से लेकर गहनों तक कुछ भी काला नहीं होना चाहिए. काले रंग का प्रयोग बिल्कुल न करें. वैजयंती के फूल अगर कृष्ण जी को अर्पित किए जाएं तो सर्वोत्तम होगा.
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11 अगस्त को सूर्योदय के बाद ही अष्टमी तिथि शुरू होगी. अष्टमी तिथि मंगलवार, 11 अगस्त सुबह 9:06 बजे से शुरू हो जाएगी. यह तिथि बुधवार, 12 अगस्त सुबह 11:16 मिनट तक रहेगी. वैष्णव जन्माष्टमी के लिए 12 अगस्त का शुभ मुहूर्त बताया गया है. बुधवार रात 12.05 बजे से 12.47 बजे तक बाल-गोपाल की पूजा-अर्चना की जा सकती है.
क्या होगा प्रसाद?
जन्माष्टमी के प्रसाद में पंचामृत जरूर अर्पित करें. उसमें तुलसी दल भी जरूर डालें. मेवा, माखन और मिसरी का भोग भी लगाएं. कहीं-कहीं धनिये की पंजीरी भी अर्पित की जाती है. इस दिन श्रीकृष्ण को पूर्ण सात्विक भोजन अर्पित किए जाते हैं, जिसमें तमाम तरह के व्यंजन हों.
कैसे करें मूर्ति का चुनाव?
सामान्यतः जन्माष्टमी पर बाल कृष्ण की स्थापना की जाती है. आप अपनी आवश्यकता और मनोकामना के आधार पर जिस स्वरूप को चाहें स्थापित कर सकते हैं. प्रेम और दाम्पत्य जीवन के लिए राधा-कृष्ण की, संतान के लिए बाल कृष्ण की और सभी मनोकामनाओं के लिए बंसी वाले कृष्ण की स्थापना करें. इस दिन शंख और शालिग्राम की स्थापना भी कर सकते हैं.
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